कुंभ मेले को लेकर करोड़ों के फर्जी टेंडर मामले में ठग कंपनी के छह लोग गिरफ्तार
- कुंभ मेले के लिए फर्जी टेंडर निकालकर करोड़ों की ठगी के आरोप में पुलिस ने दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपित फर्म के जरिए लेनदेन करते थे।
लखनऊ: कुंभ मेले के लिए फर्जी टेंडर निकालकर करोड़ों की ठगी के आरोप में पुलिस ने दो अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है। आरोपित एक फर्म के जरिए लेनदेन करते थे। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक इस गिरोह में अब तक छह लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं। दो लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक अन्य जेल से ही गिरोह का संचालन कर रहा था। पुलिस अभी भी एक आरोपित की तलाश कर रही है।
सएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपित प्रयागकुंज अपार्टमेंट स्टेट जी रोड, इलाहाबाद निवासी आलोक मिश्र और एमजी मार्ग जार्जटाउन, इलाहाबाद निवासी गौरव उपाध्याय मुंबई में छिपे थे। सर्विलांस के जरिए पुलिस ने जब मुंबई में छापामारी की तो आरोपित भाग निकले। आरोपितों का पीछा कर उन्हें शनिवार सुबह करीब पौने पांच बजे लखनऊ के गोमतीनगर में लोहिया पार्क चौराहे से दबोच लिया गया। गिरोह में शामिल प्रतापगढ़ के महेशगंज, नरियांव गांव निवासी मनोज तिवारी ने नैनी जेल से ठगी की साजिश रची थी। मनोज पर 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मनोज और आलोक प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं, जिसके कारण वह पूर्व परिचित थे। मनोज बसपा से जोनल कोआर्डिनेटर रह चुका है, जिसके कारण उसकी अधिकारियों व नेताओं में अच्छी पकड़ थी।
मनोज अपने साथी आलोक और उमाशंकर तिवारी के साथ लोगों से मिलता था और उन्हें पर्यटन विभाग में टेंडर दिलाने का झांसा देता था। आलोक की गोमतीनगर में दक्ष इंटर प्राइजेज नाम से कंपनी थी, जिसके खाते में लोगों से रुपये जमा कराए जाते थे। एसएसपी ने बताया कि आरोपितों ने पहले भी डॉक्यूमेंट्री बनवाने के नाम पर संतोष उपाध्याय से 25 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा कराए थे और अनुज त्रिपाठी ने 10 लाख रुपये हवाला के जरिए लिए थे। डॉक्यूमेंट्री फिल्म का टेंडर 90 करोड़ का था, जिसका चार प्रतिशत मनोज व एक प्रतिशत आलोक को मिलना था। आलोक की मदद उमाशंकर करता था, जो फरार है।
एसएसपी ने आरोपितों की गिरफ्तारी करने वाली टीम को 10 हजार का इनाम तथा सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की घोषणा की है।
(साभार- JNN)
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