विदेशी उधारी से उड़ान की तैयारी!
- बाह्य वाणिज्यिक उधारी की अनुमति पर हो रहा विचार
नयी दिल्ली: संकट से जूझ रही भारतीय विमानन कंपनियों को विदेशी कर्जदाताओं से पूंजी जुटाने की राह आसान हो सकती है। सरकार विमानन कंपनियों को बाह्यï वाणिज्यिक उधारी के जरिये कार्यशील पूंजी जुटाने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमानन कंपनियों को कार्यशील पूंजी के लिए विदेश से पैसे जुटाने की अनुमति देने के मामले में वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘विमानन कंपनियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि विमानन मुख्य रूप से सेवा परिवहन का माध्यम और बुनियादी ढांचे का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे में उसे बुनियादी क्षेत्रों की तरह कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए बाह्यï वाणिज्यिक उधारी की अनुमति देनी चाहिए।’
मंत्रालय ने कहा कि एक कंपनी के लिए इसकी सीमा 50 करोड़ डॉलर और पूरे उद्योग के लिए 100 करोड़ डॉलर हो सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘जेट एयरवेज, इंडिगो जैसी विमानन कंपनियों ने उधारी सीमा ज्यादा रखने की मांग की है, इसलिए हमने इस बारे में भी विचार करनेे को कहा है।’ इस बारे में राय जानने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ईमेल किया गया था लेकिन खबर लिखे जाने तक उसका जवाब नहीं आया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक दशक में ऐसी उधारी बढ़ी है और 2014 में 2,000 अरब रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक विमानन कंपनियां केवल विमानों या इंजनों की खरीद के लिए विदेशी कोष जुटा सकती हैं। आरबीआई ने 2012 में इस तरह की अनुमति दी थी विमानन क्षेत्र में संकट के बादल मंडरा रहे थे लेकिन अप्रैल 2016 से इसे बंद कर दिया। अब एक बार फिर उद्योग उसी दौर से गुजर रहा है क्योंकि कंपनियां किराया बढ़ाने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं और उनकी लागत बढ़ रही है। क्रेडिट रेटिंग फर्म इक्रा का अनुमान है कि भारतीय विमानन कंपनियों का समेकित घाटा चालू वित्त वर्ष में 3,600 करोड़ रुपये रह सकता है।
एक विमानन कंपनी के वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि कार्यशील पूंजी के लिए बाह्यï वाणिज्यिक उधारी की अनुमति से उद्योग को लाभ होगा क्योंकि यह क्षेत्र ऊंची ईंधन कीमत और मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव की दोहरी मार झेल रहा है। इसी अनुमति मिलने से कर्ज के बोझ तले दबी विमानन कंपनियों को बड़ी मात्रा में कम ब्याज दर पर पैसे जुटाने में मदद मिलेगी। एक निजी विमानन कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी ने कहा, ‘विदेशी वाणिज्यिक बैंक घरेलू ऋणदाताओं की तुलना में बेहद प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराते हैं।’
(साभार- बी. एस.)
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