उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी इन्फोसिस
बेंगलूरु: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शानदार नतीजों के साथ अप्रैल-जून तिमाही की शुरुआत हुई थी लेकिन प्रतिस्पर्धी आईटी कंपनी इन्फोसिस के नतीजे बाजार को उत्साहित करने में विफल रहे। कंपनी के नतीजों से संकेत मिलता है कि अभी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में स्थिरता आनी बाकी है। 30 जून को खत्म हुई तिमाही में इन्फोसिस का शुद्घ मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 3.7 फीसदी बढ़कर 36.12 अरब रुपये रहा। विश्लेषकों ने 37.41 अरब रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था। इस दौरान कंपनी की आय उम्मीद के अनुरूप 12 फीसदी बढ़कर 191.28 रुपये रही। स्थिर मुद्रा के लिहाज से कंपनी की आय में वृद्घि 6 फीसदी रही। हालांकि तिमाही आधार पर इन्फोसिस के शुद्घ मुनाफे में 2.1 फीसदी की गिरावट आई है। मुनाफे में कमी मुख्य रूप से इजरायली ऑटोमेशन फर्म पनाया के उचित मूल्य में कमी के कारण आई है। पिछले तिमाही के तुलना में कंपनी का राजस्व 5.8 फीसदी बढ़ा है।
इसके विपरीत जून तिमाही में टीसीएस का मुनाफा विश्लेषकों के अनुमान से कहीं बेहतर 15.8 फीसदी बढ़ा था और आय में 26.5 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई थाी। तिमाही आधार पर भी टीसीएस का मुनाफा 6.8 फीसदी और आय में 6.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। एस्टन बिजनेस स्कूल, ब्रिटेन के शोध विश्लेषक संजय सेन ने कहा, 'टीसीएस को ज्यादा स्थिर रणनीति का लाभ मिलना शुरू हो गया है, वहीं इन्फोसिस अभी पिछली समस्याओं से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। इसके साथ ही उसे पनाया अधिग्रहण के लिए खासी रकम बट्टïे खाते डालनी पड़ी। हालांकि अब चीजें दुरुस्त हो रही हैं।' परिचालन मार्जिन के मोर्चे पर भी वेतन बढ़ोतरी के कारण इन्फोसिस पर टीसीएस से ज्यादा प्रभाव पड़ा। इस दौरान कंपनी के परिचालन मार्जिन में 100 आधार अंकों की गिरावट आई और वह वह 23.7 फीसदी पर पहुंच गया। दूसरी ओर टीसीएस को 40 आधार अंकों की गिरावट झेलनी पड़ी थी। इन्फोसिस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इसके 22-24 फीसदी रहने का अनुमान जताया था और यह उसी के मुताबिक रहा। जहां तक मुनाफे का सवाल है तो जून तिमाही में टीसीएस का मार्जिन 25 फीसदी रहा जो इन्फोसिस के मार्जिन से 130 आधार अंक अधिक है। इस दौरान इन्फोसिस का डिजिटल कारोबार 25.4 फीसदी बढ़ा और उसका राजस्व 80.3 करोड़ डॉलर रहा। इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख बीएफएसआई को लेकर आश्वस्त बने हुए हैं, क्योंकि तिमाही के दौरान लगभग 40 प्रतिशत बड़े सौदे इस सेगमेंट से प्राप्त हुए।
(साभार- बी.एस.)
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