अटका भुगतान, छोटे उद्यमी हलाकान
नयी दिल्ली, 12 जून: छोटे व मझोले उद्यमियों के लिए समय पर भुगतान न मिलना बड़ी समस्या रही है। नरेंद्र मोदी सरकार में छोटे-मझोले उद्यमियों की राहत के लिए कई उपाय किए गए हैं, बावजूद इसके उन्हें भुगतान की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया है। एमएसएमई मंत्रालय के मुताबिक समय पर भुगतान न मिलने की शिकायत करने वाले करीब 6,200 उद्यमियों के 2,300 करोड़ रुपये भुगतान के मामलों में 2077 में ही 533 करोड़ रुपये का भुगतान हो पाया है। एमएसएमई को भुगतान मिलने में देरी पर केंद्र सरकार में एमएसएमई सचिव डॉ. अरुण कुमार पांडा का कहना है कि मंत्रालय ने एमएसएमई को समय पर भुगतान दिलाने और इसकी शिकायत के लिए एमएसएमई समाधान पोर्टल शुरू किया था। इसी का नतीजा है कि शिकायत करने वाले करीब 335 एमएसएमई को आपसी सहमति से भुगतान मिल गया। इस पोर्टल पर शिकायत के बाद भी भुगतान के काफी मामले लंबित होने के सवाल पर पांडा ने कहा कि लंबित मामलों पर मंत्रालय सुनवाई कर रहा है और जल्द ही उद्यमियों को भुगतान दिलाया जाएगा।
पांडा ने कहा कि सरकारी खरीद नीति के तहत एमएसएमई से 20 फीसदी खरीद अनिवार्य है। लेकिन पिछले वित्त वर्ष 163 सीपीएसयू ने एमएसएमई से करीब 26,000 करोड़ रुपये की खरीद की, जो कुल सरकारी खरीद का करीब 23 फीसदी हिस्सा है। एपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री दिल्ली के उपाध्यक्ष रघुवंश अरोड़ा ने कहा कि छोटे उद्यमियों को समय पर भुगतान न मिलने की समस्या बरकरार है। फेडरेशन ऑफ माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेज (फिस्मे) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि नियम मुताबिक एसएमई को भुगतान 45 दिन के अंदर मिल जाना चाहिए। लेकिन भुगतान मिलने में 60 दिन लगना आम बात है।
(साभार- बिजनेस स्टैण्डर्ड)
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