व्यापार घाटा उच्चतम स्तर पर
जनवरी महीने में निर्यात में वृद्धि की रफ्तार सुस्त होकर 9.07 प्रतिशत रह गई है, जो दिसंबर में 12.03 प्रतिशत थी। जनवरी महीने में पिछले तीन महीने में वृद्धि दर पहली बार एक अंक में रही और कुल 24.38 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है। दिसंबर महीने में वृद्धि दर 12.4 प्रतिशत पर थी, जबकि नवंबर में वृद्धि दर 30.5 प्रतिशत रही थी। जनवरी के आंकड़ों के बाद एक बार फिर निर्यातकों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दौर में रिफंड को लेकर शिकायतों के समाधान का मौका मिला है। बहरहाल उनका कहना है कि देश 2017-18 में 300 अरब डॉलर के निर्यात की लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर आंकड़ों से यह भी साफ होता है कि भारत का आयात बिल पिछले साल के 380.36 अरब डॉलर को पार करने क ी ओर है। आयात में तेजी लगातार तीसरे महीने में जारी है और जनवरी महीने में आयात 26.10 प्रतिशत बढ़ा है, जो इसके पहले महीने के 21.1 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा है। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने का आयात बिल 379 अरब डॉलर हो गया है। कारोबारी घाटा 56 माह के उच्ततम स्तर पर पहुंचते हुए जनवरी में 16.3 अरब डॉलर हो गया, जो दिसंबर में 14.9 अरब डॉलर था। यह पिछले साल जनवरी मेंं 9.91 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक घाटा बढ़कर 131.14 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि मेंं 114.9 अरब डॉलर था। तेल के आयात मेंं भारी बढ़ोतरी की वजह से यह घाटा हुआ। जनवरी महीने में 11.65 अरब डॉलर का आयात हुआ, जो पहले के महीने की तुलना में 34.9 प्रतिशत ज्यादा है।
बहरहाल सोने का आयात 22.07 प्रतिशत गिरकर 1.59 अरब डॉलर रहा, जिसमेंं इसके पहले के महीने मेंं 71.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा कि सोने के आयात में गिरावट के साथ चांदी, मोती, कीमती और कम कीमती पत्थरों के आयात मेंं बढ़ोतरी हुई है।
(साभार: बिज़नेस स्टैण्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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