
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, मुंबई में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और लोकार्पण किया: प्रधानमंत्री कार्यालय
LIVE : PM Modi launches multiple development projects in Mumbai, Maharashtra
नया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और भूमिगत मेट्रो, मुंबई में यात्रा और परिवहन-संपर्क को बदलने के लिए तैयार हैं: प्रधानमंत्री
एक विकसित भारत वह है, जहाँ गति और प्रगति दोनों हों, जहाँ जन कल्याण सर्वोपरि हो और सरकारी योजनाएं प्रत्येक नागरिक के जीवन को आसान बनाती हों: प्रधानमंत्री
उड़ान योजना का धन्यवाद, पिछले दशक में लाखों लोगों ने अपने सपनों को साकार करते हुए पहली बार हवाई यात्रा की है: प्रधानमंत्री
नए हवाई अड्डों और उड़ान योजना ने हवाई यात्रा को आसान बनाया है और भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बना दिया है: प्रधानमंत्री
आज (08.10.2025), भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, हमारी ताकत हमारे युवाओं में निहित है: प्रधानमंत्री
हमारे लिए, हमारे देश और इसके नागरिकों की सुरक्षा व संरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के मुंबई में नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और लोकार्पण किया। सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, श्री मोदी ने सभी उपस्थित लोगों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने हाल ही में मनाये गये विजयादशमी और कोजागरी पूर्णिमा के उत्सव का उल्लेख किया और आगामी दिवाली उत्सव के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं।
मुंबई शहर को अपना दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मिलने के साथ ही मुंबई का लंबा इंतज़ार खत्म होने को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह हवाई अड्डा इस क्षेत्र को एशिया के सबसे बड़े परिवहन-संपर्क केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई को अब पूरी तरह से भूमिगत मेट्रो मिल गई है, जिससे यात्रा आसान होगी और यात्रियों का समय बचेगा। श्री मोदी ने भूमिगत मेट्रो को विकासशील भारत का जीवंत प्रतीक बताया और कहा कि मुंबई जैसे व्यस्त शहर में, ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करते हुए इस उल्लेखनीय मेट्रो का निर्माण भूमिगत रूप से किया गया है। उन्होंने इस परियोजना में शामिल श्रमिकों और इंजीनियरों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, भारत अपने युवाओं के लिए अनगिनत अवसर प्रदान करता है, उन्होंने हाल ही में शुरू की गई 60,000 करोड़ रुपये की पीएम सेतु योजना का ज़िक्र किया, जिसका उद्देश्य देश भर के विभिन्न आईटीआई को उद्योग जगत से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि आज से, महाराष्ट्र सरकार ने सैकड़ों आईटीआई और तकनीकी स्कूलों में नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। श्री मोदी ने कहा कि इन पहलों के ज़रिए छात्रों को ड्रोन, रोबोटिक्स, विद्युत-चालित वाहन, सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसी उभरती तकनीकों का प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने महाराष्ट्र के युवाओं को शुभकामनाएँ दीं।
श्री मोदी ने महाराष्ट्र के सपूत, लोकनेता श्री डी. बी. पाटिल को श्रद्धांजलि अर्पित की और समाज और किसानों के प्रति उनकी समर्पित सेवा को याद किया। उन्होंने कहा कि श्री पाटिल की सेवा भावना सभी के लिए प्रेरणा है और उनका जीवन सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले लोगों को प्रेरित करता रहेगा।
श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा, "आज पूरा देश एक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है—एक ऐसा भारत जो गति और प्रगति दोनों से परिभाषित होता हो, जहाँ जन कल्याण सर्वोपरि हो और सरकारी योजनाएं नागरिकों के जीवन को आसान बनाती हों।" उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में इसी भावना ने देश के हर कोने में विकास प्रयासों का मार्गदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं, जब बुलेट ट्रेन परियोजनाओं को गति मिलती है, जब चौड़े राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नए शहरों को जोड़ते हैं, जब पहाड़ों को चीरकर लंबी सुरंगें बनाई जाती हैं और जब ऊँचे समुद्री पुल दूर के तटों को जोड़ते हैं, तो भारत की गति और प्रगति स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रगति भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को नए पंख देती है।
श्री मोदी ने कहा कि, आज के कार्यक्रम ने भारत की विकास यात्रा की गति को जारी रखा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक ऐसी परियोजना है जो एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करती है। छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि पर निर्मित, इस हवाई अड्डे का आकार कमल के फूल जैसा है, जो संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि, यह नया हवाई अड्डा महाराष्ट्र के किसानों को यूरोप और मध्य पूर्व के सुपरमार्केट से जोड़ेगा, जिससे ताज़ा उपज, फल, सब्जियां और मत्स्य उत्पाद तेज़ी से वैश्विक बाजारों तक पहुँच सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा आस-पास के लघु और मध्यम उद्योगों की निर्यात लागत को कम करेगा, निवेश को बढ़ावा देगा और नए उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने नए हवाई अड्डे के लिए महाराष्ट्र और मुंबई के लोगों को हार्दिक बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, जब सपनों को साकार करने का संकल्प हो और नागरिकों को तेज़ी से विकास प्रदान करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो परिणाम अवश्यंभावी होते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत का विमानन क्षेत्र इस प्रगति का एक प्रमुख प्रमाण है। पदभार ग्रहण करने के बाद 2014 में दिए गए अपने संबोधन को याद करते हुए, श्री मोदी ने अपना विज़न दोहराया कि हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा करने में सक्षम होने चाहिए। इस सपने को साकार करने के लिए, देश भर में नए हवाई अड्डों का निर्माण आवश्यक था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मिशन को गंभीरता से लिया है और पिछले ग्यारह वर्षों में एक के बाद एक नए हवाई अड्डों का निर्माण किया गया है। 2014 में, भारत में केवल 74 हवाई अड्डे थे; आज यह संख्या 160 को पार कर गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, छोटे शहरों में हवाई अड्डों के निर्माण ने निवासियों को हवाई यात्रा के नए विकल्प प्रदान किए हैं। वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए, सरकार ने उड़ान योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के लिए हवाई टिकट को किफ़ायती बनाना है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले एक दशक में, लाखों लोगों ने इस योजना के तहत पहली बार हवाई यात्रा की है, जिससे उनके लंबे समय से चले आ रहे सपने पूरे हुए हैं।
नए हवाई अड्डों के निर्माण और उड़ान योजना से नागरिकों को मिली सुविधाओं का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाज़ार बन गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय एयरलाइंस कंपनियां लगातार विस्तार कर रही हैं और सैकड़ों नए विमानों के ऑर्डर दे रही हैं। यह वृद्धि पायलटों, केबिन क्रू, इंजीनियरों और जमीन पर काम करने वालों के लिए नए अवसर पैदा कर रही है।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि जैसे-जैसे विमानों की संख्या बढ़ती है, रखरखाव और मरम्मत कार्यों की माँग भी बढ़ती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए घरेलू स्तर पर नई सुविधाएँ विकसित कर रहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस दशक के अंत तक भारत को एक प्रमुख एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और पूरी तरह से बदलाव (ओवरहाल)) केंद्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत के युवाओं के लिए रोज़गार के कई नए अवसर भी पैदा कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और इसकी ताकत इसके युवाओं में निहित है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हर सरकारी नीति युवाओं के लिए रोज़गार के अधिकतम अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। उन्होंने 76,000 करोड़ रुपये की वधावन पत्तन परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि अवसंरचना में निवेश बढ़ने से रोज़गार सृजन होता है। उन्होंने आगे कहा कि जब व्यापार का विस्तार होता है और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को गति मिलती है, तो रोज़गार का सृजन होता है।
श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत ऐसे मूल्यों में पला-बढ़ा है जहाँ राष्ट्रीय नीति राजनीति का आधार बनती है। सरकार के लिए, अवसंरचना पर खर्च किया गया प्रत्येक रुपया नागरिकों की सुविधा और क्षमता बढ़ाने का एक साधन है। उन्होंने इसकी तुलना देश की उस राजनीतिक धारा से की, जो जनकल्याण से ज़्यादा सत्ता को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग विकास कार्यों में बाधा डालते हैं और घोटालों व भ्रष्टाचार के ज़रिए परियोजनाओं को पटरी से उतार देते हैं, और देश दशकों से इस तरह के कुशासन का गवाह रहा है।
यह उल्लेख करते हुए कि आज मेट्रो लाइन का उद्घाटन हुआ है, लेकिन यह मेट्रो कुछ पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यों की याद दिलाती है, श्री मोदी ने इसके शिलान्यास समारोह में अपनी भागीदारी को याद किया, जिसने मुंबई के लाखों परिवारों में मुश्किलें कम होने की उम्मीद जगाई थी। उन्होंने टिप्पणी की कि बाद की सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया, जिससे देश को हज़ारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और कई वर्षों तक असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस मेट्रो लाइन के पूरा होने से दो से ढाई घंटे का सफ़र अब सिर्फ़ 30 से 40 मिनट में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई जैसे शहर में, जहाँ हर मिनट मायने रखता है, नागरिकों को तीन-चार साल तक इस सुविधा से वंचित रखा गया, उन्होंने इसे घोर अन्याय बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले ग्यारह वर्षों से, सरकार नागरिकों के जीवन को आसान बनाने पर ज़ोर दे रही है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे, मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों जैसी सुविधाओं में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। उन्होंने इस विकास के उदाहरण के रूप में अटल सेतु और तटीय सड़क कोस्टल रोड जैसी परियोजनाओं का हवाला दिया।
श्री मोदी ने आगे कहा कि निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन के सभी साधनों को एकीकृत करने के प्रयास चल रहे हैं, जिससे यात्रियों को साधन बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत एक राष्ट्र, एक गतिशीलता के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई वन ऐप इस दिशा में एक और कदम है, जो नागरिकों को टिकटों के लिए लंबी कतारों से बचने में सक्षम बनाता है। इस ऐप के ज़रिए, लोकल ट्रेनों, बसों, मेट्रो और टैक्सियों में एक ही टिकट का उपयोग किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक राजधानी और सबसे जीवंत शहरों में से एक, मुंबई, को 2008 के हमलों में आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि उस समय सत्ता में रही सरकार ने कमज़ोरी का संदेश दिया और आतंकवाद के आगे घुटने टेक दिए। श्री मोदी ने विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री द्वारा हाल ही में किए गए एक खुलासे का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मुंबई हमलों के बाद, भारत के सशस्त्र बल पाकिस्तान पर हमला करने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस कार्रवाई का समर्थन करता है। हालाँकि, विपक्षी नेता के अनुसार, सरकार ने एक विदेशी दबाव के कारण सैन्य कार्रवाई रोक दी। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल से यह स्पष्ट करने की माँग की कि इस निर्णय को किसने प्रभावित किया, उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने मुंबई और राष्ट्र की भावनाओं को ठेस पहुँचाई। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विपक्षी दल की कमज़ोरी ने आतंकवादियों को बढ़ावा दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया, जिसकी कीमत देश को निर्दोष लोगों की जान देकर चुकानी पड़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार के लिए, राष्ट्र और उसके नागरिकों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है।" उन्होंने कहा कि आज का भारत पूरी ताकत से जवाब देता है और दुश्मन की ज़मीन पर हमला करता है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया भर में देखा और स्वीकार किया गया था।
श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाना राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जब इन परिवारों को सुविधाएँ और सम्मान मिलता है, तो उनकी क्षमताएँ बढ़ती हैं और नागरिकों की सामूहिक शक्ति राष्ट्र को और मज़बूत बनाती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जीएसटी में हाल ही में किए गए अगली पीढ़ी के सुधारों ने कई वस्तुओं को और अधिक किफ़ायती बना दिया है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति और बढ़ी है। बाज़ार के आँकड़ों का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि इस नवरात्रि मौसम ने कई सालों के बिक्री रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जहाँ रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने स्कूटर, बाइक, टेलीविज़न, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन ख़रीदे हैं।
यह कहते हुए कि सरकार नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और राष्ट्र को मज़बूत बनाने के लिए कदम उठाना जारी रखेगी, श्री मोदी ने सभी से स्वदेशी अपनाने और गर्व से इस बात को कहने का आग्रह किया, "यह स्वदेशी है" - एक ऐसा मंत्र जो हर घर और बाज़ार में गूंजना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जब हर नागरिक स्वदेशी कपड़े और जूते खरीदता है, स्वदेशी उत्पाद घर लाता है और स्वदेशी उपहार देता है, तो देश की संपत्ति देश में ही रहती है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय कामगारों के लिए रोज़गार पैदा होगा और युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने लोगों को यह कल्पना करने के लिए प्रोत्साहित किया कि जब पूरा देश स्वदेशी अपनाएगा तो भारत को कितनी बड़ी ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए अपने संबोधन का समापन किया कि भारत के विकास को गति देने में महाराष्ट्र हमेशा से सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की उनकी सरकारें महाराष्ट्र के प्रत्येक शहर और गांव की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करती रहेंगी। उन्होंने विकास पहल के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री श्री रामदास अठावले, श्री राममोहन नायडू किंजरापु, श्री मुरलीधर मोहोल, भारत में जापान के राजदूत श्री केइची ओनो तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
भारत को एक वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के अपने विज़न के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने लगभग 19,650 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) के पहले चरण का उद्घाटन किया।
नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजना है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत विकसित किया गया है। मुंबई महानगर क्षेत्र के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में, एनएमआईए, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भीड़भाड़ कम हो और मुंबई को वैश्विक बहु-हवाई अड्डा प्रणालियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके। 1160 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले इस हवाई अड्डे को दुनिया के सबसे कुशल हवाई अड्डों में से एक के रूप में डिज़ाइन किया गया है और यह सालाना 9 करोड़ यात्रियों (एमपीपीए) को संभालने में और 3.25 मिलियन मीट्रिक टन माल की ढुलाई करने में सक्षम होगा।
इसकी अनूठी सुविधाओं में एक स्वचालित पीपल मूवर (एपीएम) शामिल है, एक ऐसी परिवहन प्रणाली, जो सभी चार यात्री टर्मिनलों को निर्बाध अंतर-टर्मिनल स्थानांतरण के लिए आपस में जोड़ेगी, इसके साथ ही एक लैंडसाइड एपीएम भी शहरी अवसंरचना को एकीकृत करेगा। सतत प्रथाओं के अनुरूप, हवाई अड्डे में स्थायी विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए समर्पित भंडारण होगा, लगभग 47 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा और पूरे शहर में सार्वजनिक संपर्क के लिए ईवी बस सेवाएँ उपलब्ध होंगी। एनएमआईए देश का पहला हवाई अड्डा होगा, जो वाटर टैक्सी से जुड़ा होगा।
प्रधानमंत्री ने आचार्य अत्रे चौक से कफ परेड तक फैले मुंबई मेट्रो लाइन-3 के चरण 2बी का उद्घाटन किया, जिसका निर्माण लगभग 12,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है। इसके साथ ही, वे 37,270 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत वाली पूरी मुंबई मेट्रो लाइन 3 (एक्वा लाइन) राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो शहर के शहरी परिवहन परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
मुंबई की पहली और एकमात्र पूर्णतः भूमिगत मेट्रो लाइन के रूप में, यह परियोजना मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवागमन को नया स्वरुप देगी और लाखों निवासियों के लिए एक तेज़, अधिक कुशल और आधुनिक परिवहन समाधान प्रदान करेगी।
कफ परेड से आरे जेवीएलआर तक 33.5 किलोमीटर लंबी 27 स्टेशनों वाली मुंबई मेट्रो लाइन-3, प्रतिदिन 13 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करेगी। परियोजना का अंतिम चरण 2बी दक्षिण मुंबई के विरासत और सांस्कृतिक जिलों जैसे फोर्ट, काला घोड़ा और मरीन ड्राइव को निर्बाध परिवहन-संपर्क प्रदान करेगा, साथ ही बॉम्बे उच्च न्यायालय, मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नरीमन पॉइंट सहित प्रमुख प्रशासनिक और वित्तीय केंद्रों तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा।
मेट्रो लाइन-3 को रेलवे, हवाई अड्डों, अन्य मेट्रो लाइनों और मोनोरेल सेवाओं सहित परिवहन के अन्य साधनों के साथ कुशल एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे अंतिम स्थान तक परिवहन-संपर्क सुविधा में सुधार होगा और महानगरीय क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होगी।
प्रधानमंत्री ने मेट्रो, मोनोरेल, उपनगरीय रेलवे और बस पीटीओ के 11 सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों (पीटीओ) के लिए एकीकृत कॉमन मोबिलिटी ऐप "मुंबई वन" भी लॉन्च किया। इनमें मुंबई मेट्रो लाइन 2ए और 7, मुंबई मेट्रो लाइन 3, मुंबई मेट्रो लाइन 1, मुंबई मोनोरेल, नवी मुंबई मेट्रो, मुंबई उपनगरीय रेलवे, बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन (बेस्ट), ठाणे नगर परिवहन, मीरा भयंदर नगर परिवहन, कल्याण डोंबिवली नगर परिवहन और नवी मुंबई नगर परिवहन शामिल हैं।
मुंबई वन ऐप यात्रियों को कई लाभ प्रदान करता है, जिसमें शामिल हैं, कई सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों के लिए एकीकृत मोबाइल टिकट व्यवस्था, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देकर कतारों से मुक्ति, और कई परिवहन साधनों वाली यात्राओं के लिए एकल डायनामिक टिकट के माध्यम से निर्बाध मल्टीमॉडल परिवहन-संपर्क सुविधा। यह देरी, वैकल्पिक मार्गों और अनुमानित आगमन समय के बारे में वास्तविक समय का अपडेट भी प्रदान करता है, साथ ही यह आस-पास के स्टेशनों, आकर्षणों और दर्शनीय स्थलों की मानचित्र-आधारित जानकारी देता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एसओएस सुविधा भी प्रदान करता है। ये सभी सुविधाएँ मिलकर सुविधा, दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाती हैं और पूरे मुंबई में सार्वजनिक परिवहन के अनुभव को बदल देती हैं।
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग की एक अग्रणी पहल, अल्पकालिक रोजगार योग्यता कार्यक्रम (एसटीईपी) का भी उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम 400 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और 150 सरकारी तकनीकी उच्च विद्यालयों में लागू किया जाएगा, जो रोजगार योग्यता बढ़ाने के लिए कौशल विकास को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एसटीईपी के तहत 2,500 नए प्रशिक्षण बैच स्थापित किए जाएँगे, जिनमें महिलाओं के लिए 364 विशेष बैच और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), सौर ऊर्जा और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग जैसे उभरते प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों के लिए 408 बैच शामिल हैं।
*****