
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्रीय सिविल कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के समय सेवानिवृत्ति देयों (पेंशन और पेंशन संबंधी देयों) के समय पर भुगतान और पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जारी करने हेतु व्यापक दिशानिर्देश जारी किए
समय पर सेवानिवृत्ति देयों और पीपीओ जारी करने के लिए 8-चरणीय सुधारों में सेवा रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, भविष्य का सार्वभौमिकरण, सेवानिवृत्ति से पूर्व सतर्कता स्वीकृति पर स्पष्टीकरण, अंतर-मंत्रालयी निगरानी समिति, मामलों की स्वतः-फ्लैगिंग और एस्क्लेशन, आई-जीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा पेंशन मित्रों/कल्याण अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति शामिल हैं.
नई दिल्ली (PIB): पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने प्रभावी अन्तर-मंत्रालयी समन्वय हेतु व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि केंद्रीय सिविल सेवा कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति देयों (पेंशन एवं पेंशन संबंधी देयों) का समय पर भुगतान और पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)/ईपीपीओ जारी किए जा सकें। प्रमुख नीतिगत उपायों में प्रणालीगत सुधारों के लिए सेवा रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, भविष्य का सार्वभौमिकरण, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग और संबंधित मंत्रालयों में एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी समिति का गठन तथा सभी विभागों में पेंशनरों की सहायता हेतु पेंशन मित्र/कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति शामिल हैं।
इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि पीपीओ में ई-पीपीओ भी शामिल होना चाहिए, ताकि पेंशन प्रक्रिया में डिजिटलीकरण को और बढ़ावा मिल सके। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग के भीतर व्यावसायिक प्रक्रिया पुनर्रचना की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है।
सभी मंत्रालयों और विभागों के लिए ई-एचआरएमएस के सार्वभौमिकरण के माध्यम से सेवा रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण गलतियों को कम करने और प्रोसेसिंग समयसीमा में पर्याप्त कमी लाने में सहायक होगा।
पीपीओ/ईपीपीओ जारी करने में होने वाली देरी को कम करने के लिए सेवानिवृत्ति से पहले सतर्कता मंजूरी पर स्पष्टीकरण जैसे प्रमुख प्रक्रियात्मक सुधारों को शामिल किया गया है। यह स्पष्ट किया गया है कि सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के विशिष्ट प्रावधानों के अनुसार, सतर्कता मंजूरी के अभाव में किसी भी पेंशन में देरी नहीं की जा सकती। यह रेखांकित किया गया है कि प्रत्येक मंत्रालय/विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के संबंध में सतर्कता मंजूरी सेवानिवृत्ति से 3 महीने पहले जारी कर दी जाए, क्योंकि मौजूदा मानदंडों के अनुसार सतर्कता मंजूरी की वैधता 3 महीने की होती है।
प्रक्रियाओं की निगरानी हेतु "भविष्य" के लिए एक सुदृढ़ अंतर-मंत्रालयी निरीक्षण तंत्र (ओएसएम) स्थापित किया जाएगा, ताकि प्रत्येक हितधारक के लिए निर्धारित समय-सीमा का कड़ाई से पालन किया जा सके। इसमें उच्च-स्तरीय निरीक्षण समिति (एचएलओसी) का गठन शामिल होगा, जिसमें महालेखा नियंत्रक (सीजीए), महानिदेशक (सीजीएचएस), महानिदेशक (एनआईसी), प्रधान सीसीए/सीसीए (गृह मंत्रालय), सीसीए/सीसीए (वित्त मंत्रालय) और सीपीएओ इसके सदस्य होंगे तथा सचिव (पेंशन) इसके अध्यक्ष होंगे। इस तंत्र के साथ संबंधित मंत्रालय/विभाग/बैंक में निरीक्षण हेतु नोडल अधिकारी (संयुक्त सचिव या समकक्ष पद से नीचे के नहीं) और पेंशन संवितरण करने वाले बैंकों को नामित किया जाएगा।
भविष्य पोर्टल में प्रौद्योगिकी संबंधी उन्नयन के माध्यम से निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक लंबित मामलों की ऑटो-फ्लैगिंग और ऑटो-एस्केलेशन शुरू करके निरीक्षण तंत्र को मजबूत किया जाएगा।
संशोधित भविष्य पोर्टल प्रत्येक कर्मचारी-वार डीडीओ, एचओओ, एचओडी, पीएओ, सीपीएओ और पेंशन संवितरण प्राधिकरण (बैंक सहित) की मैपिंग करेगा। इससे लेनदेन का प्रभावी ट्रेल तैयार होगा और स्मार्ट मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से डेटा-सेट और स्वत:-सूचनाएं साझा की जाएंगी, जिससे निरीक्षण तंत्र की प्रभावी और जवाबदेही निगरानी सुनिश्चित होगी।
क्षमता निर्माण आयोग के सहयोग से आई-जीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर विकसित गहन क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी मंत्रालयों/विभागों में पेंशन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों (डीडीओ, एचओओ, एचओडी, पीएओ और सीपीएओ) के लिए परिकल्पित किया जा रहा है, जिसमें ‘भविष्य के उपयोग और नए एसओपी के अनुसरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कार्यालय प्रमुख (एचओओ) द्वारा प्रत्येक सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ फॉर्म भरने और अन्य औपचारिकताओं को सुगम बनाने के लिए एक कल्याण अधिकारी या पेंशन मित्र की नियुक्ति की जाएगी। पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में पारिवारिक पेंशन का दावा प्रस्तुत करते समय वह आश्रितों को दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन के लिए सहायता प्रदान करने के लिए भी ज़िम्मेदार होगा। कल्याण अधिकारी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा बाद में एक अलग परिपत्र जारी किया जाएगा।
इन हस्तक्षेपों के साथ सरकार का उद्देश्य सभी केंद्रीय सिविल सेवा कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति से 60 दिन पहले पीपीओ/ई-पीपीओ जारी करना, सेवानिवृत्ति की तारीख के एक दिन बाद सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान करना तथा सेवानिवृत्ति के अगले महीने के अंतिम दिन पहली पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करना है।
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