
*अपने अनुयाइयों को पाप से बचाना हमारा दिया दायित्व है*: स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी
आरा, बिहार: सनातनधर्मियों के माथे से गोकशी का कलंक मिटाने हेतु प्रतिबद्ध परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज ने आज (29.9.2025) आरा की पवित्र भूमि पर आहूत गौमतदाता संकल्प सभा में उमड़े गौभक्तों के जनसैलाब को उद्बोधित करते हुए कहा कि, आजीविका के लिए मंगल पाण्डेय अंग्रेजों की नौकरी करने लगे पहले दानापुर, फिर बैरकपुर मे 9 साल तक नौकरी करते रहे, फिर अचानक एक दिन जिसके आदेश का पालन करते थे उनके ऊपर गोली क्यों चला दी ?-
क्योंकि गौरक्षा हम हिन्दुओं का प्रथम कर्तव्य है। गाय काटे बिना मिले गव्य को तो हम स्वीकार करते ही हैं लेकिन गाय को चोट पहुंचा कर अगर हमें कुछ मिले ये हमें स्वीकार नहीं है।
मातादीन भंगी ने मंगल पांडेय को जब बताया कि कारतूस में गाय का अंश मिलाया जा रहा है,तब 1857 के क्रान्ति की शुरुआत हुई।और गौमाता के प्रतिष्ठा हेतु दोनो हंसते हंसते फांसी पर चढ गए।
श्रीशंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि, गाय हमारे समाज को जोड़ सकती है। आज जातिवाद के नाम पर हिंदुओं को आपस में लड़ाया जा रहा है। अगड़ा पिछड़ा के नाम पर समाज ने अलगाव पैदा किया जा रहा है। जबकि हम सारे वर्णों के लोगों की उत्पत्ति उसी विराटपुरुष के शरीर से हुई है। तो कोई बड़ा कोई छोटा कैसे हो सकता है?-
कर्म व गुण के आधार पर ही व्यक्ति बड़ा या छोटा होता है। गौमाता सभी जातियों में समान आदर प्राप्त करती हैं और सभी हिंदुओं की माता हैं। इसलिए हम सभी भाइयों को गौमाता ही जातिवाद समाप्त करके जोड़ सकती हैं।
आरा की ये भूमि 1857 की क्रान्ति से जुडी हुई है। आरा के बाबू वीर विक्रम कुंवर सिंह ने मंगल पांडेय के आन्दोलन से प्रभावित होकर सबसे पहले आरा को अंग्रेजों से मुक्त कराया था।
अब गौकशी अति हो गया है और अति का अंत भी तय है।अब गौरक्षा ही हम हिंदुओं का मात्र मुद्दा होगा।
पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने नवरात्रि के सप्तमी तिथि के अवसर पर आरा जिले के प्रसिद्ध भगवती मन्दिर अरण्य देवी के दर्शन का लाभ प्राप्त किया ।
उक्त जानकारी श्रीशंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है।
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