
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का YouTube पर सजीव प्रसारण
Live - Prime Minister Narendra Modi attends the 79th Independence Day Celebrations
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री कार्यालय ने "79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का YouTube पर सजीव प्रसारण जारी किया।
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन:
मेरे प्यारे देशवासियों,
आजादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है। आजादी का यह पर्व सामूहिक सिद्धियों का, गौरव का पल है और हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी आज तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा, भारत के हर कोने से चाहे रेगिस्तान हो, या हिमालय की चोटियां, समुद्र के तट हो या घनी आबादी वाले क्षेत्र, हर तरफ से एक ही गूंज है, एक ही जयकारा है, हमारे प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है।
मेरे प्यारे देशवासियों,
सन 1947 में अनंत संभावनाओं के साथ, कोटि-कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ, हमारा देश आजाद हुआ। देश की आकांक्षाएं उड़ाने भर रही थीं, लेकिन चुनौतियां उससे भी कुछ ज्यादा थी। पूज्य बापू के सिद्धांतों पर चलते हुए, संविधान सभा के सदस्यों ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। भारत का संविधान जब 75 वर्ष से एक प्रकाश स्तंभ बनकर के हमें मार्ग दिखाता रहा है। भारत के संविधान निर्माता अनेक विद महापुरुष डॉ राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहब अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी, इतना ही नहीं हमारी नारी शक्ति का भी योगदान कम नहीं था। हंसा मेहता जी, दक्षयानी वेलायुद्धन जैसी विदुषियों ने भी भारत के संविधान को सशक्त करने में अपनी भूमिका निभाई थी। मैं आज लाल किले के प्राचीर से देश का मार्गदर्शन करने वाले, देश को दिशा देने वाले, संविधान के निर्माताओं को आदरपूर्वक नमन करता हूं।
मेरे प्यारे देशवासियों,
हम आज डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती भी मना रहे हैं। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले देश के पहले महापुरुष थे। संविधान के लिए बलिदान, धारा 370 की दीवार गिराकर, एक देश एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी। लाल किले पर आज कई विशेष महानुभाव उपस्थित हैं, दूर-सुदूर गांव के पंचायतों के सदस्य हैं, ड्रोन दीदी के प्रतिनिधि हैं, लखपति दीदी के प्रतिनिधि है, खेल जगत से जुड़े लोग हैं, राष्ट्र जीवन में कुछ ना कुछ देने वाले यहां महानुभव उपस्थित हैं, एक प्रकार से यहां मेरी आंखों के सामने, मैं लघु भारत के दर्शन कर रहा हूं और टेक्नोलॉजी के माध्यम से विशाल भारत के साथ भी आज लाल किला जुड़ा हुआ है। मैं आजादी के इस महापर्व पर देशवासियों का, विश्व भर में फैलाए हुए भारत प्रेमियों का, हमारे मित्रों का, हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।
पूर्ण सम्बोधन सुनने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक करें।
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